Tuesday, 28 June 2016

प्राचीन ओलिंपिक खेल



     Image Courtesey: ancientolympics.arts.kuleuven.be
                                                                                               ओलिंपिक खेल  क्या है ;  ओलिंपिक का नाम सुनते ही अलग अलग अंतर्राष्ट्रीय खेलो - खिलाडियों की ग्लैमर व् शोहरत की चकाचौंध वाली तस्वीर हमारे सामने घूमने लगती है। बेशक इसमें कोई दो राय नहीं कि ओलिंपिक खेलो का महाकुंभ है।  ओलिंपिक को  आज की दुनिआ में खेलो का महाकुंभ ऐसे ही नहीं कहा जाता , आंकड़े इस बात  की पुष्टि करते है की साल दर साल जिस  प्रकार ओलिंपिक खेलो में खेल और भाग लेने वाले प्रतिभागियों की संख्या में इजाफा हुआ है उस तरह ओलिंपिक को खेलो महाकुंभ कहना वास्तव में प्रासंगिक है।

ऐतिहासिक मान्यता ;- ओलिंपिक के प्रारम्भ के सन्दर्भ में कई सारी मान्यताएं हैं लेकिन अधिकांश मत  यह कहते है कि ओलिंपिक की शुरुआत ग्रीक के महान  योद्धा हरक्यूलिस ने अपने पिता गॉड ज़्यूस के सम्मान में की थी।कहा  जाता है कि  हरक्यूलिस ने अपने विश्प्रसिद्ध १२ कारनामो के पश्चात ग्रीस के एलिस  क्षेत्र में ओलम्पिया नाम का एक मैदान ( stadion ;grees ) बनाया था। 

ओलिंपिक स्थान - सभी  प्राचीन ओलिंपिक खेल एलिस के ओलम्पिया मैदान पर ही खेले जाते रहे थे।  आधुनिक खेलो की तरह हर बार नयी जगह पर आयोजन नहीं बल्कि सभी प्राचीन खेल ग्रीस में ही खेले गए थे।  हाँ , दो ओलिंपिक खेलो के बीच की समय अवधि ४ वर्ष ही होती थी जिसे ओलिंपियाड कहा जाता था। 

खेल प्रतियोगिता एवं नियम - प्राचीन ओलिंपिक खेलो में मुख्यतः एथलेटिक्स खेल खेले जाते थे परन्तु इनके अलावा कुश्ती और घुड़दौड़ जैसे खेलो के रिकॉर्ड भी हमें  मिलते है।  ये रहे प्राचीन खेल तथा उनसे जुड़े कुछ मुख्य नियम -
# दौड़ -  दौड़ में  मुखयतः ये प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती थी - १) १ स्टेड ( 192 mtr ) २) 2  स्टेड  ( 384 mtr ) इसके अलावा लम्बी दूरी की  दौड़ जैसे ७-२४ स्टेड  (१३४४m - 4608 m ) . 
#मुक्केबाजी - आधुनिक खेलो की तरह तत्कालीन खेलो में मुक्केबाजी में कोई ख़ास नियम नहीं थे , न कोई भार वर्ग होता था। मुक्केबाज़ अपने हाथो में लाठर का एक दस्ताने रुपी पहनते थे जिसमे उनकी उँगलियाँ स्वतंत्र हुआ करती थी।  
# कुश्ती - कुश्ती प्राचीन ओलिंपिक खेलो में से एक मान जाता है।  इसकी शुरआत ओलिंपिक में 708 bc  में हो गई थी।  कुश्ती में कोई खास नियम नहीं होते थे। खिलाडी को अपने प्रतिद्वंदी की उँगलियाँ तोड़ देने तक की आज़ादी थी।
#घुड़सवारी -
     *रथदौड़ - 2 /4 घोड़े 12 लैप (9  मील )
      *घुड़दौड़ - 6 लैप ( ४. 5 मील )  


इन प्रतियोगिताओं में जीत का सम्मान खिलाडी नहीं बल्कि स्वामी को दिया जाता था।  
#पेनक्रेशन - यह मुक्केबाज़ी और कुश्ती दो खेलो का मिश्रण था जिसमे सामने वाले को जान से मार देने तक के साक्ष्य हमे मिले है ,शायद इसी कारन इसे मौत का खेल भी  कहा गया है। 
#पेंथलोंन - पपांच खेलो का मिश्रण ( चक्का फेंक , भला फेंक , कुश्ती , लम्बी कूद , दौड़ )
 
                             Image Courtesy: keyword-suggestions.com
पतन : ओलिंपिक खेलो का महत्व रोमन साम्राज्य के विस्तार के साथ ही गिरता चला गया।  यूँ तो खेल दूसरी शताब्दी के बाद (393 BC ) तक चले परन्तु रोमन साम्राज्य के ग्रीस साम्राज्य पर आधिपत्य के बाद खेलो का स्तर में गिरावट आनी  प्रारम्भ हो गई थी।  उदाहरण - 67  AD  में रोमन शासक नेरो ने एक बार स्वयं को एक उत्तम घुड़सवार सिद्ध करने के लिए बीच रथदौड़ में ही प्रवेश कर लिया ,एक बार रथ से गिरन के बावजूद भी स्वयं को विजेता घोषित कर दिया।  रोमन शासक थीडोसिास  - II जो की एक क्रिस्चियन था , ने पगान पर्व बंद करा दिया और ग्रीस से सारी  ज्यूस की मूर्तियां और मंदिर खंडित करा दिए।  कहा जाता है कि  उसके बाद भी प्राचीन ओलिंपिक खेल जारी रहे, परन्तु आखिरी प्राचीन ओलिंपिक खेल का लिखित प्रमाण 393 BC के रूप में हमारे पास उपलब्ध है।  इसी कारण  ऐसा मान लिया गया है कि प्राचीन  ओलिंपिक खेलो का 393 BC  में पतन हो गया।

प्राचीन ओलिंपिक खेलो से जुड़े कुछ रोचक तथ्य -
*सभी  प्राचीन ओलिंपिक खेल एक ही स्थान , ओलम्पिया (ग्रीस ) में ही खेले जाते थे। 
*खेलो में केवल ग्रीस राज्य में जन्म लेने वाला व्यक्ति ही भाग ले सकता था।
*ओलिंपिक खेलो का उस समय इतना महत्त्व था कि खेलो के दौरान ग्रीस के प्रितभागी राज्यों में सरे युद्ध एवं युद्धाभ्यास स्थगित कर दिए जाते थे। (युद्धविराम संधि )
* महिलाओं के लिए एक भी खेल स्पर्धा प्राचीन ओलिंपिक खेलो में नहीं थी। 
*घुड़ दौड़ को छोड़कर सभी खेल निर्वस्त्र खेले जाते थे। 

*महिलाओं को केवल घुड़दौड़ प्रतियोगिता देखने की अनुमति थी बाकि खेलो की नहीं। उल्लंघन की स्थिति में मृत्युदंड तक का प्रावधान था। 
*कोरबस (एलिस शहर का एक रसोइया ) पहला ओलिंपिक  चैंपियन था। 
*शुरूआती ओलिंपिक खेलो में दौड़ सबसे ज्यादा खेले जाने वाली प्रतियोगिता थी।

*खेल विजेताओं को कोई पदक नहीं , जैतून की पत्तियों का ताज पहनाया जाता था। 
*दौड़ प्रतभागियों को युद्ध कवच पहनकर भागना  पड़ता था।
*रथ  दौड़ एक मात्र ऐसा खेल था जिसमे महिलाएं भी स्वामी के र्रोप में भाग ले सकती थी।  मुख्यतः इसे अमीरों का खेल भी कहा जाता था।



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