पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा भारत
सरकार और पीएम मोदी को कहे अपशब्दों के जवाब में कांग्रेस-भाजपा का एकजुट होकर
इमरान खान को घेरना सचमुच अच्छी खबर है। अच्छी खबर इसलिए क्योंकि अरसे बाद ये
राजनैतिक पार्टियां दलहित से ऊपर उठकर देशहित में एकजुट हुई है। ज्ञात हो कि भारत
सरकार द्वारा इमरान खान के बातचीत प्रस्ताव को नकारे जाने के बाद इमरान खान ने
भारतीय सरकार और पीएम मोदी का नाम लिए बिना अपशब्द भरा ट्वीट किया है। इमरान के इस ट्वीट के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता
रणदीप सुरजेवाला ने आतंकवाद जैसे मुद्दो पर इमरान को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि ‘कोई हमारे देश और पीएम
को अपशब्द कहें, ये हम सह नही सकते।‘ वहीं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘जब तक हमारे सैनिकों
की हत्या होती रहेगी, तब तक पाकिस्तान से कोई वार्ता नही होगी।’ इस तरह कांग्रेस और
भाजपा ने एक संदेश पाकिस्तान को दिया है कि देश की राजनीति हम चाहे प्रतिद्वंदी हो,
लेकिन बात जब देश और उसके सम्मान की आएगी तो हम एकजुट ही है। स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद के एक सत्र में कहा था कि ‘सरकारें आएंगी-जाएंगी,
ये पार्टियां रहे ना रहे, पर ये देश रहना चाहिए।’ शायद अटल जी भी आज कहीं बैठे गौरवांन्वित महसूस कर
रहे होंगे। निसंदेह यह सराहनीय है। लेकिन, देश की जनता चाहती है कि इसी तरह ये दल
देश के अन्य आंतरिक मुद्दो पर भी दलहित राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में एकजुट हो क्योंकि,
कोई दल चाहे कितना भी बड़ा हो जाए, देश सर्वोपरि था, है और हमेशा रहेगा।
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