Wednesday, 29 August 2018

Rahul Gandhi vs RSS

हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा 'RSS' की तुलना 'मुस्लिम ब्रदरहुड़' से करना उनकी वैचारिक दरिद्रता को दर्शाता हेै। ज्ञात हो कि माननीय राहुल गाँधी जी उस मुस्लिम ब्रदरहुड़ की बात कर रहे है जिसकी स्थापना वर्ष 1928 में मिस्र में हुई थी और जो अपनी आतंकी एवं हिंसक घटनाओ के चलते मिस्र, सउदी अरब, UAE, सीरिया आदि देशों में प्रतिबन्धित है। वहीं दूसरी तरफ, RSS वह संगठन है जिसकी विचारधारा में राष्ट्र और भारतीय संस्कृति सर्वोपरि है। यह वही RSS संगठन है जो दूरदराज के आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल और अस्पताल भी चलाता है और आवश्यकता पड़ने पर देश की उन्नति में भागीदारी को हमेंशा तत्पर भी रहता है। एक तरफ कोई रक्तपात करे और दूसरी तरफ कोई सहायता के लिए हाथ दे, दोनो के अंतर को राहुल गाँधी शायद अभी समझ नही पा रहे है या समझना ही नही चाहते है। हाल ही का उदाहरण लें तो, केरल की त्रासदी में भारतीय सेना, NDRF, SDRF, और स्थानीय पुलिस के अलावा अगर कोई संगठन है तो ये RSS की सेना ही है जो सबकुछ भूलकर (सरेआम गौहत्या), वहां लगातार राहत कार्यो में जुटी है। जब स्वयं राहुल जी के पूर्वज, जवाहर लाल नेहरु, इन्दिरा गाँधी और राजीव गाँधी समेत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक RSS के राष्ट्रप्रेम की खुले मंच से प्रशंसा कर चुके है तो, कौन से वो तर्क है जिनके आधार पर राहुल जी RSS को एक आतंकी संगठन बता रहे है, ये तो स्वयं राहुल गाँधी ही बता सकते है। बावजूद इसके, यदि राहुल गांधी अब भी RSS की विचारधारा को समझ नहीं पा रहे है तो मेरे ख्याल से उन्हें RSS के आगामी कार्यक्रम के संभावित आमंत्रण को स्वीकार करना चाहिए।

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Wednesday, 22 August 2018

Environment Killers /पर्यावरण भक्षी

आधुनिकरण की आरी से हम प्रकृति की उसी डाल को काट रहे हैं जिस पर हम स्वयं बैठे हैं। वो दिन दूर नहीं जब इस डाल से गिरकर मानव-जाति आक्सीजन रहित वायु को चीरते हुए, विनाश के उस सूखे गहरे जलकुंड में जा गिरेगी जिसके तल पर विशाल ज्वालामुखी धधक रहे हैं।


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Friendship / दोस्ती

रिश्तों की मेज़ पर परिवार एक किताब तो दोस्ती एक डायरी की तरह होती है, जिसके पन्नों पर हम मर्ज़ी की कलम में भावनाओं की स्याही भरके जो मन चाहे लिखते है। ये पन्ने सालों बाद भी जब खुलते है तो यादों की वो ख़ुशबू छोड़ जाते है जिसका नशा पन्नो को फिर से इकट्ठा करके उनपर लिखने को कहता है ।


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370 की संपत्ति

जम्मू & कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A का हटना बेशक एक ऐतिहासिक और साहसिक फैसला है लेकिन मेरा मानना ये है कि सारे नियम कानून ठीक, बस ...